रहस्य मोहन जोदड़ो का


१. मोहन जोदड़ो का अर्थ है मृतको का टीला है। इतिहासकारो की माने तो ये २६०० ईसा पूर्व एक नगरीय सभ्यता थी।  

२. हनजोदड़ो विश्व की चार प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में सबसे ज्यादा विशाल है जो 12 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में वर्तमान पाकिस्तान , अफगानिस्तान और भारत तक फैला हुआ था

३.  मोहन जोदड़ो शब्द का सही उच्चारण है 'मुअन जो दड़ो' । मोहन जोदड़ो के सबसे खास हिस्से पर बौद्ध स्तूप है।

४. 1920 में भारतीय पुरातत्व विभाग के आर.डी,बनर्जी ने सबसे पहले इस जगह का दौरा किया था पुरातत्ववेत्ता आज भी मोहन जोदड़ो की लिपि को नही समझ पाए है और आज भी ये एक रहस्य है कि मोहनजोदड़ो में कौनसी भाषा बोली जाती थी 

५. मोहनजोदड़ो को विश्व का सबसे ज्यादा सुनियोजित शहर माना जाता है जिसमे वर्तमान नगर निर्माण के कई ऐसे उदाहरण मिलते है जिन्हें हम आज भी उपयोग करते है

६. परिणामस्वरूप मोहनजोदड़ो की खुदाई में कई  पत्थर  निर्मित आभुषनो के अवशेष मिले है 


७. मोहनजोदड़ो की सभ्यता में स्नानघर काफी बड़े हुआ करते थे जो 8 फीट गहरे , 23 फीट चौड़े और 39 फीट लम्बे होते थे | पुराने जमाने में अच्छी तरह नहाने को आवश्यक माना जाता था 

९. मोहनजोदड़ो की सभ्यता के दौरान बड़े बड़े अन्न भंडार मिले है जिससे पता चलता है उस दौर में उन्होंने अन्न को सहेजकर साल भर इस्तेमाल करने का तरीका सीख लिया था 


१०. मोहनजो दड़ो के संग्रहालय में काला पड़ गया गेंहू, तांबे और काँसे के बर्तन, मुहरें, चौपड़ की गोटियाँ, दीए, माप-तोल के पत्थर, तांबे का आईना, मिट्टी की बैलगाड़ी, दो पाटन की चक्की, कंघी, मिट्टी के कंगन और पत्थर के औजार हैं।

११ . मोहनजोदड़ो की सभ्यता से पता चलता है उस शहर परराजतन्त्र नही हुआ करता था बल्कि इसके बजाय चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा शहर को चलाया जाता था 


१२ . मोहनजोदड़ो के पुरातात्विक महत्व को देखते हुए यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर की सूची में भी रखा है 
१३ . विशेषज्ञों का मानना है की नगर में कोई अचानक घटना घटी जिसके कारन लोगो जहा थे। वाही मारे गये। 

१४ . मोहन जोदड़ो में पूर्व जन्म की धरना थी। वो लोगो के शवो के साथ उनके खाने -पीने का समान रखा देते थे।  


१५. सिन्धु घाटी सभ्यता के पतन का कारण आज तक किसी को पता नही है कुछ लोग आर्यों को उनकी पतन का कारण मानते है लेकिन यह अभी तक सिद्ध नही हुआ है | इतिहासकार रेडियोएक्टिव विकिरणों  को उनकी मौत का कारण बताते है 

१६. सिन्धु घाटी सभ्यता के लोगो ने शतरंज खेलना सीख लिया था जिसके प्रमाण अवशेषों के रूप में मिलते है

१७. मोहनजोदड़ो के कई अवशेषों का आज भी दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में संरक्षित किया हुआ है  


मित्रो आपको मोहनजोदड़ो से जुड़े तथ्य पसंद आये तो अपने विचार प्रकट करना ना भूले । 

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